हिन्दुतान - 07 Dec 2014- Page -2
आथिक रूप से कमजोर वग की छात्र पूजा की तरफ से उनके अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने हाईकोट में याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि पूवी दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मायो इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षिका डॉली ने बगैर किसी पुख्ता वजह छात्र बेइज्जत की। छात्र ने यह भी इल्जाम लगाया है कि शिक्षिका ने अन्य छात्रों के साथ मिलकर उसका मजाक भी बनाया। शिक्षिका के इस रवैये की वजह से कक्षा में उसकी स्थिति हास्यापद बन गई। जबकि उसका कसूर सिफ इतना था कि वह दो चोटी बांधकर स्कूल पहुंची थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि बच्ची ने घर पहुंचकर पूरा घटनाक्रम अपनी मां को बताया। मां ने शिक्षिका के इस व्यवहार पर आपत्ति जताई तो स्कूल प्रबंधन ने बच्ची को अनिश्चित्तकाल के निलंबित कर दिया। बच्ची के परिजनों ने स्कूल प्रशासन से निजी तौर पर मिलकर कई बार निलंबन को रद्द करने का आग्रह किया। लेकिन स्कूल प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी। स्कूल के रवैये से तंग आकर उन्होंने दिल्ली हाईकोट का रुख किया है। अधिवक्ता अग्रवाल का कहना है कि स्कूल का यह कदम शिक्षा का अधिकार कानून 2009 का स्पष्ट उल्लंघन है। छात्र को स्कूल से निलंबित करना न केवल कानून विरुद्ध है, बल्कि बाल अधिकार व शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन भी है। इस मामले में माना जा रहा है कि आथिक रूप से कमजोर वग की छात्र के साथ यह पक्षपाती रवैया अपनाया गया है। बताया जाता है कि इससे पहले छात्र के परिजनों ने स्थानीय थाना पुलिस को भी इस बाबत शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कारवाई नहीं की। पुलिस द्वारा नहीं सुने जाने पर उन्हें हाईकोट में याचिका दाखिल करनी पड़ी है।
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