पीठ ने कहा है कि इससे भी बड़ी चिंता की बात है कि संबंधित अधिकारी गरीबों के बारे में नहीं सोचते हैं। हाईकोर्ट ने यह आदेश अधिवक्ता अशोक अग्रवाल द्वारा दाखिल याचिका पर दिया है। याचिका में सार्वजनिक शौचालय की कमी दूर करने एवं सही से इसका रखरखाव करने की मांग की है।
शौचालयों की दुर्दशा पर जवाब तलब
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