राष्टीय सहारा, दिल्ली, 3 सितम्बर 2014, पेज - 5
मनमाने तरीके से अर्वाचीन स्कूल के फीस बढ़ाने के मामले में हाईकोर्ट ने
दिल्ली सरकार व शिक्षा निदेशालय को कहा है कि आठ हफ्तों के अंदर जांच कर
रिपोर्ट पेश की जाए। इस मामले में
अभिभावकों ने सोशल ज्यूरिस्ट संस्था के सलाहकार व एडवोकेट अशोक अग्रवाल के
जरिए याचिका दायर की है। स्कूल संचालक पर आरोप लगाया गया है कि वह
बीएमडब्ल्यू, टोयटा जैसी महंगी कारों से चलते हैं। न्यायमूर्ति मनमोहन की
बेंच के समक्ष अभिभावकों की तरफ से कहा गया कि स्कूल प्रबंधन ने पिछले चार
साल के दौरान दो सौ फीसद से अधिक स्कूल फीस बढ़ा दी है और इसके अतिरिक्त
विकास शुल्क एवं अन्य खर्चो में भी बढ़ोतरी कर दी है। जबकि दिल्ली सरकार
द्वारा मनमाने ढंग से स्कूल फीस बढ़ाए जाने पर रोक लगाई गई है। दलील दी गई
कि स्कूल संचालक महंगी से महंगी लग्जरी कारों में चलते हैं और इन कारों का
खर्च उठाने के लिए स्कूल के बच्चों की फीस में बेहताशा वृद्धि की जा रही
है। बच्चों के अभिभावकों की जेब से निकला पैसा स्कूल संचालक अपनी महंगी
लग्जरी कारों के खर्च को व्यवस्थित करने में लगा रहे हैं। अदालत से मांग की
गई कि इस बढ़ी फीस पर रोक लगा कर उनका पैसा उन्हें वापस दिलाया जाए।
मनमाने तरीके से अर्वाचीन स्कूल द्वारा फीस बढ़ाने का मामला
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