स्वास्थ्य निदेशालय ने यह निर्देश हाई कोर्ट के निर्देश पर गठित निगरानी समिति के सदस्य अशोक अग्रवाल की शिकायत पर जारी किया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की थी कि निजी अस्पतालों को अपनी वेबसाइट पर आरक्षित कोटे के तहत खाली पड़े बेडों की जानकारी देना अनिवार्य किया जाए। उनका तर्क है कि जिस तरह दिल्ली सरकार अपनी वेबसाइट पर खाली पड़े बेडों की जानकारी देती है उस तरह की सुविधा सीधे संबंधित निजी अस्पतालों की वेबसाइट पर भी होनी चाहिए। इससे लोगों में और जागरूकता आएगी। उन्होंने शिकायत की थी कि सरकार की तमाम पहल के बावजूद निजी अस्पतालों में अब भी 30 से 35 फीसद बेड खाली पड़े रहते हैं। इस शिकायत के मद्देनजर ही स्वास्थ्य निदेशालय ने यह कदम उठाया है। 1स्वास्थ्य निदेशालय ने निजी अस्पतालों को यह निर्देश भी दिया है कि अपनी वेबसाइट पर निगरानी समिति के सदस्यों के नाम, पते व फोन नंबर की भी जानकारी दें। ताकि यदि किसी मरीज को इलाज से इन्कार किया जाता है तो वह तुरंत निगरानी समिति के सदस्यों से शिकायत कर सके। अशोक अग्रवाल ने कहा कि नए निर्देशों के पालन से आरक्षित कोटे के तहत मरीजों के इलाज में और पारदर्शिता आएगी और निजी अस्पतालों को उन्हें इलाज से इन्कार करना मुश्किल होगा।
दैनिक जागरण - दिल्ली जागरण सिटी , 6 सितम्बर 2014
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