सोशल जूरिस्ट संगठन के सदस्य खगेश झा के अनुसार दिल्ली में ऐसे प्ले स्कूलों की संख्या चार हजार से अधिक है। इनमें करीब एक लाख बच्चे पढ़ते हैं लेकिन इन स्कूलों को चलाने के लिए किसी तरह की अनुमति नहीं लेनी होती है। लिहाजा इनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल होता
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